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10 राज्यों में फैले PFI संगठन पर NIA ED की रेड:100 से ज्यादा सदस्य गिरफ्तार, संगठन के हजारों विरोध में कार्यकर्ता सड़कों पर

NIA ED raid on PFI organization in 10 states, More than 100 members arrested, thousands of workers of the organization took to streets in protest

पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (PFI) : गुरुवार सुबह 3.30 बजे से 10 राज्यों में नेशनल इंवेस्टिगेशन एजेंसी (NIA) ने पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया पर देशभर में छापेमारी की फुलवारी शरीफ से पुलिस ने अतहर और अलाउद्दीन को गिरफ्तार किया था। आरोप था इनके पास से इंडिया 2047 नाम का 7 पेज का डॉक्यूमेंट भी मिला है। इसमें दर्ज प्लान पर काम करते हुए ये अगले 25 साल में भारत को मुस्लिम राष्ट्र बनाना चाहते थे। जुलाई में पटना पुलिस ने फुलवारी शरीफ में छापेमारी कर आतंकी साजिश का खुलासा किया था। खुलासे के मुताबिक आंतकियों के निशाने पर प्रधानमंत्री मोदी थे। 2010 में केरल में प्रोफेसर टीजे जोसेफ का हाथ काटने की घटना के बाद PFI सबसे पहले चर्चा में आया था। प्रोफेसर जोसेफ पर एक प्रश्नपत्र में पूछे गए सवाल के जरिए पैगंबर मोहम्मद साहब के अपमान का आरोप लगा था। इसके बाद आरोप है कि PFI कार्यकर्ताओं ने प्रोफेसर जोसेफ के हाथ काट दिए थे। शुरुआत में ये संगठन दक्षिण भारत के राज्यों में ही सक्रिय था, लेकिन अब UP-बिहार समेत 20 राज्यों में इसका विस्तार हो चुका है।PFI का नाम जिन-जिन दंगों या फिर घटनाओं में आया उन सभी मामलों को जॉइंट टीम रीविजिट करेगी। 2007 में मनिथा नीति पसाराई (MNP) और नेशनल डेवलपमेंट फंड (NDF) नामक संगठन ने मिलकर पॉपुलर फ्रंट इंडिया (PFI) का गठन किया था। NIA, ED और राज्य पुलिस की तरफ की जारी इस रेड के विरोध में PFI के कार्यकर्ता विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। केरल के मल्लपुरम, तमिलनाडु के चेन्नई, कर्नाटक के मंगलुरु समेत कई जगहों पर संगठन के कार्यकर्ता सड़कों पर उतर आए हैं। PFI ने बयान जारी करते हुए कहा है कि आवाज दबाने के लिए यह कार्रवाई की जा रही है। सेंट्रल एजेंसी हमें प्रताड़ित कर रही है।इस केस में PFI के कार्यकर्ताओं का नाम सामने आने के बाद सितंबर में NIA ने बिहार में छापेमारी की थी। 20 सितंबर को हिजाब विवाद पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के दौरान सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कर्नाटक सरकार की तरफ से पक्ष रखते हुए कहा कि 2021 तक लड़कियों को ड्रेस कोड से परेशानी नहीं थी।

दरअसल कर्नाटक के उडुपी में इसी साल के शुरुआत में हिजाब का विवाद शुरू हुआ। कर्नाटक सरकार के मुताबिक इस विवाद के पीछे भी PFI के कार्यकर्ता थे। सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में कहा कि PFI की साजिश की वजह से कर्नाटक में हिजाब का विवाद पैदा हुआ। समाज में सांप्रदायिकता फैलाने के आरोप में PFI अभी सिर्फ झारखंड में ही बैन है। इसके खिलाफ संगठन ने कोर्ट में अपील भी की है। वहीं केंद्र सरकार भी PFI पर शिकंजा कसने की तैयारी में है। इसके लिए अगस्त में ही एक टीम बनाई गई थी, जिसे 3 मोर्चे पर काम करने की जिम्मेदारी सौंपी गई थी। सोशल मीडिया पर यह लिस्ट सर्कुलेट हो रही है। इसमें दावा किया गया है कि NIA ने ED और राज्य पुलिस के साथ मिलकर 11 राज्यों से 106 लोगों को गिरफ्तार किया है।

18 सितंबर को केरल के कोझिकोड में एक रैली के दौरान PFI नेता अफजल कासिमी ने कहा- संघ परिवार और सरकार के लोग हमें दबाने की कोशिश कर रहे हैं, लेकिन इस्लाम पर जब भी खतरा होगा तब हम शहादत देने से पीछे नहीं हटेंगे। कासिमी ने कहा- यह आजादी की दूसरी लड़ाई है और मुसलमानों को जिहाद के लिए तैयार रहना है।

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