पीएम मोदी रविवार को पापुआ न्यू गिनी पहुंचे, जहां वह अपने समकक्ष जेम्स मारापे के साथ 22 मई को भारत-प्रशांत द्वीप सहयोग मंच के तीसरे शिखर सम्मेलन की मेजबानी करेंगे। तीन देशों के अपने दौरे के दूसरे चरण में मोदी पापुआ न्यू गिनी पहुंचे हैं। पीएम मोदी जैसे ही पापुआ न्यू गिनी पहुंचे, पोर्ट मोरेस्बी एयर पोर्ट पर दुर्लभ नजारा देखने को मिला। यहां पीएनजी के प्रधानमंत्री जेम्स मारपे ने मोदी के पैर छूए और उनका आशीर्वाद मांगा। इस पर पीएम मोदी ने उनकी पीठ थपथपाई और उन्हें गले लगा लिया। पापुआ न्यू गिनी की राजधानी पोर्ट मोरेस्बी में रविवार को भारतीय प्रवासियों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का भव्य स्वागत किया।
तिरंगा लहराते हुए सैकड़ों लोगों को ‘हर हर मोदी, घर घर मोदी’ के नारे लगाए। आगमन पर पीएम मोदी को गार्ड ऑफ ऑनर भी दिया गया। विदेश मंत्रालय के आधिकारिक प्रवक्ता अरिंदम बागची ने कहा, ‘प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी तीन देशों के दौरे के दूसरे चरण में पापुआ न्यू गिनी में पोर्ट मोरेस्बी पहुंचे हैं। हिरोशिमा में डेढ़ दिन का सत्र पूरा करने के बाद साढ़े 7 घंटे की उड़ान पापुआ न्यू गिनी के बंदरगाह पर ले आई पीएम मोदी ने इनके साथ बातचीत भी की। इस दौरान पोर्ट मोरेस्बी की सड़कों पर ‘भारत माता की जय’ के नारे गूंज उठे। छोटे बच्चों सहित सभी उम्र के सैकड़ों लोग पीएम मोदी से मिलने आए थे। प्रधानमंत्री से मिलने के लिए लोग अपने हाथों में गिफ्ट लिए नजर आए। कई लोगों ने पीएम मोदी के साथ सेल्फी भी क्लिक की। भारतीय समुदाय के कुछ सदस्यों ने पीएम मोदी और उनकी दिवंगत मां हीराबेन की एक पेंटिंग सौंपी।
पापुआ न्यू गिनी जाने वाले पहले प्रधानमंत्री
यह किसी भी भारतीय प्रधानमंत्री की ओर से पापुआ न्यू गिनी की पहली यात्रा है। प्रधानमंत्री जापान से यहां पहुंचे जहां उन्होंने जी-7 के शिखर सम्मेलन में भाग लिया और दुनिया के कई नेताओं के साथ द्विपक्षीय बैठकें कीं।
FIPIC शिखर सम्मेलन की मेजबानी करेंगे मोदी
प्रधानमंत्री मोदी और मारापे सोमवार को FIPIC के तीसरे शिखर सम्मेलन की मेजबानी करेंगे। मोदी ने पहले में कहा था, ‘मैं आभारी हूं कि सभी 14 प्रशांत द्वीप देशों (पीआईसी) ने इस महत्वपूर्ण शिखर सम्मेलन में भाग लेने के निमंत्रण को स्वीकार कर लिया है।’ FIPIC का गठन 2014 में प्रधानमंत्री मोदी की फिजी यात्रा के दौरान किया गया था। एफआईपीआईसी शिखर सम्मेलन में 14 देशों के नेता भाग लेंगे। आम तौर पर कनेक्टिविटी और अन्य मुद्दों के कारण ये सभी शायद ही कभी एक साथ मिलते हैं।