MUMBAI: टाटा ग्रुप के पूर्व चेयरमैन साइरस मिस्त्री की अंतिम यात्रा मुंबई के वालकेश्वर में उनके सी फेसिंग मेंशन से वर्ली श्मशान पहुंची। जहां मुंबई के वर्ली श्मशान घाट पर उनका अंतिम संस्कार किया गया। साइरस मिस्त्री का रविवार दोपहर मुंबई-अहमदाबाद हाईवे पर सड़क दुर्घटना में निधन हो गया था। वे गुजरात के उदवाड़ा में बने पारसी मंदिर से लौट रहे थे। तेज रफ्तार और ओवरटेकिंग के समय जजमेंट में हुई गलती की वजह से कार रोड डिवाइडर से टकराई। एक्सीडेंट में जान गंवाने वाले मिस्त्री और जहांगीर दोनों ने सीट बेल्ट नहीं लगाई थी। डिवाइडर से टकराने के बाद कार के अगले एयरबैग तो खुल गए, लेकिन पीछे वाले एयरबैग सही समय पर नहीं खुले। साइरस और जहांगीर पीछे ही बैठे थे। साइरस मिस्त्री जिस लग्जरी मर्सिडीज कार में थे, वह करीब 134 किलोमीटर प्रति घंटा की स्पीड से चल रही थी। इसका खुलासा कार के आखिरी CCTV फुटेज से हुआ है। कार ने रविवार दोपहर 2 बजकर 21 मिनट पर चरौती का चेक पोस्ट क्रॉस किया था। यहां से हादसे की जगह 20 KM दूर है। मर्सिडीज कार ने यह दूरी महज 9 मिनट में तय की। एक चश्मदीद ने भी कहा था कि कार बहुत रफ्तार में थी और दूसरी गाड़ी को रॉन्ग साइड से ओवरटेक करते समय डिवाइडर से टकराई थी।
- बहरहाल अंतिम संस्कार से पहले साइरस मिस्त्री के लिए आयोजित प्रार्थना सभा में गायत्री मंत्र और गोविंद गोपाल के भजन भी गाए गए। और हालांकि उनके परिवार ने अंतिम संस्कार की सूचना के साथ ही लोगों से शोक सभा के लिए न आने की अपील की थी। फिर भी साइरस के अंतिम संस्कार में शामिल होने ये VVIP पहुंचे
- आकाश अंबानी
- HDFC के चेयरमैन दीपक पारेख
- NCP नेता सुप्रिया सुले
जानिए क्या योगदान है उनका भारतीय समाज में
साइरस ने 1991 में अपना फैमिली बिजनेस जॉइन किया था। उन्हें 1994 में शापूरजी पालोनजी ग्रुप का डायरेक्टर नियुक्त किया गया। उनके नेतृत्व में कंपनी ने भारत का सबसे ऊंचा रेसिडेंशियल टावर, सबसे लंबा रेलवे पुल और सबसे बड़े पोर्ट का निर्माण किया। पालोनजी ग्रुप का कारोबार कपड़े से लेकर रियल एस्टेट, हॉस्पिटैलिटी और बिजनेस ऑटोमेशन तक फैला हुआ
उदवाड़ा के पारसी मंदिर का खर्च उठाते थे मिस्त्री
उदवाड़ा के जिस फायर टेंपल से लौटते समय मिस्त्री की कार का एक्सीडेंट हुआ, वहां के पुजारी ने कहा, ‘पालोनजी के निधन के बाद साइरस ने हमारे ईरानशाह (फायर टेंपल) और धर्मशाला का रेनोवेशन करवाया। शापोरजी पालोनजी ग्रुप ने पारसी समाज के विकास के लिए सबसे ज्यादा दान दिया है। यहां देखरेख का सारा खर्च भी वे उठाते हैं। हर कार्यक्रम में सबसे पहले उनके परिवार के लोग यहां पहुंचते थे। हम दुआ करते हैं कि ईरानशाह उनके परिवार को दुख सहन करने की हिम्मत दे।