देश में मंगलवार 19 अक्टूबर को मनाए जाने वाले ईद मिलादुन्नबी के त्योहार पर कई तरह के प्रशासनिक प्रतिबंध।
इन नियमों का करना होगा पालन
- ईद मिलादुन्नबी त्यौहार के दौरान किसी प्रकार का जुलूस सभा, रैली, प्रभात फेरी या बाइक रैली निकालने की अनुमति नहीं होगी।
- मस्जिद में तकरीर, परचम, कुशाई की अनुमति होगी।
- कार्यक्रम का आयोजन ऐसे स्थान में किया जाए जिससे सार्वजनिक जगह बाधित ना हो।
- ईद मिलादुन्नबी त्यौहार के दौरान किसी भी प्रकार के सांस्कृतिक कार्यक्रम के आयोजन की अनुमति नहीं होगी।
- ईद मिलादुन्नबी त्यौहार की समस्त कार्यवाही सुबह 9 बजे तक संपन्न कर ली जाए।
- शासकीय संपत्ति जैसे बिजली का खंभा, कार्यालय, तथा रोड क्रॉस करते हुए झंडा तोरण लगाने की अनुमति नहीं होगी।
- मस्जिद में आने वालों को मास्क पहनना समय-समय पर हाथ सैनिटाइज करना सोशल डिस्टेंसिंग रखना जरूरी होगा।
- त्योहार के दौरान किसी भी प्रकार के अस्त्र-शस्त्र का प्रयोग को प्रतिबंधित होगा।
- इन नियमों का उल्लंघन किए जाने पर एपिडेमिक डिजीज एक्ट, आपदा प्रबंधन अधिनियम के तहत कानूनी कार्यवाही की जाएगी।
चौराहों, खंभे पर झंडे या तोरण बांधने पर भी पाबंदी लगा दी गई है। कलेक्टर की तरफ से जारी निर्देश पत्र में लिखा गया है कि कोरोना के खतरे को ध्यान में रखकर ये फैसला लिया गया है।
छत्तीसगढ़ – ज्यादातर जिलों में कलेक्टर दफ्तर की तरफ से जारी की गई गाइडलाइन में जलसा, जुलूस, सार्वजनिक सभा, कार्यक्रम की अनुमति नहीं हैं। मस्जिदों में सुबह 9 बजे तक सभी कार्यक्रम निपटा लेने की हिदायत दी गई।
दिल्ली– दिल्ली का सबसे बड़ा जुलूस बाड़ा हिंदुराव इलाके के निकालता है। इस कमिटी के जुड़े लोगों मीडिया को बताया कि यहां दिल्ली के अलग-अलग हिस्सों से कई जुलूस पहुंचते हैं और फिर एक बड़े जुलूस की शक्ल में सदर बाजार इलाके से होते हुए जामा मस्जिद तक यह जुलूस जाता है। इस साल यह जुलूस भी नहीं निकाला जा रहा है।
महाराष्ट्र – राज्य सरकार के गाइडलाइन में पैगंबर मोहम्मद के जन्मदिन के जुलूस में 5 ट्रक की अनुमति दी गई है। हर ट्रक में सिर्फ 5 लोग सवार हो सकते हैं। इस तरह से पूरे जुलूस में 25 लोगों के शरीक होने की अनुमति मिली है, जबकि बॉम्बे हाई कोर्ट ने चेहल्लूम के जुलूस में शरीक होने के लिए 10 ट्रक और 150 लोगों के शामिल होने की अनुमति दी थी।