सेक्स वर्कर पर टूटा मुश्किलों का पहाड़, GB रोड की हालत बुरी
newsmrl.com The mountain of trouble broke on the sex worker, the condition of GB Road is bad update by rihan Ibrahim

कोरोना महामारी का असर हर किसी की जिंदगी पर पड़ा है.
इस महामारी में सबसे बुरी तरह सेक्स वर्कर्स प्रभावित हुई हैं. हाल ही में एक 19 साल की लड़की का वीडियो वायरल हुआ था जो सात साल के बाद तस्करों के चंगुल से छूट पाई थी. 12 साल की उम्र में झारखंड से अपहरण कर इस लड़की को बिहार लाया गया था.
सात साल तक इस लड़की कई तरह की शारीरिक प्रताड़नाएं दी गईं. उसे जबरदस्ती आर्केस्ट्रा डांस का हिस्सा बनाकर जगह-जगह ले जाया जाता था. एक डांस टूर के दौरान किसी ने उसे मिशन मुक्ति फाउंडेशन एनजीओ के डायरेक्टर विरेंद्र कुमार सिंह का नंबर दिया. लड़की ने किसी तरह विरेंद्र कुमार को फोन कर उनसे मदद मांगी और आखिर पुलिस की मदद से उसे छुड़ा लिया गया.
महामारी और लॉकडाउन का असर महिलाओं को तस्करों के चंगुल से छुड़ाने और सेक्स वर्कर के दलदल से बाहर निकालने के काम पर भी पड़ा है. मौजूदा हालात का फायदा मानव तस्करी करने वाले पूरा उठा रहे हैं जिसकी वजह से एंटी ट्रैफिकिंग संगठनों के लिए इसे रोकना एक चुनौती बनता जा रहा है.
विरेंद्र कुमार ने मीडिया को बताया, ‘तस्कर युवा लड़कियों को वेश्यावृत्ति के धंधे में फंसाने के लिए लॉकडाउन का इस्तेमाल कर रहे हैं. इस समय यह रैकेट तेजी से बढ़ने लगा है क्योंकि लोगों के पास नौकरी नहीं है और उनके परिवारों को भारी आर्थिक संकट का सामना करना पड़ रहा है. कई लड़कियां परिवार की मदद के लिए छोटे-मोटे काम करने के लिए घर छोड़ देती हैं.’
दिल्ली, कोलकाता और मुंबई के रेड लाइड एरिया पर भी इसका सीधा असर पड़ा है. दिल्ली के जीबी रोड की सेक्स वर्कर्स खाने-पीने तक की मोहताज हो गई हैं. वहां रहने वाली करीब 4,000 सेक्स वर्क्स में से आधी अपने गांव वापस चली गई हैं. जो बची हैं वो बिना पैसों के किसी तरह काम चला रही हैं. पिछली लहर में उनकी बचत उनके काम आ गई थी लेकिन इस लहर में खाना भी बड़ी मुश्किल से नसीब हो रहा है. हालांकि, कई एनजीओ इनकी मदद के लिए आगे आए लेकिन वो काफी नहीं हैं.