ब्लैक फंगस का बढ़ रहा खतरा:
newsmrl.com The increasing danger of black fungus update by rihan Ibrahim

जमुई में मिला ब्लैक फंगस का पहला मरीज, 10 दिनों से सर्दी-खांसी और बुखार से था पीड़ित, नहीं कराई थी कोविड जांच
जमुई में ब्लैक फंगस का पहला मरीज मिला है। मरीज की पहचान जिला मुख्यालय स्थित महावीर नेत्रालय के नेत्र रोग विशेषज्ञ डॉ थनीष ने की। मरीज लक्ष्मीपुर थाना क्षेत्र के खिलार गांव का राजेन्द्र साह बताया जाता है।
पटना एम्स किया गया रेफर
डॉ थनीष ने बताया कि मरीज के चेहरे का बायां हिस्सा शून्य हो गया और उसके बाईं आंख में सूजन हो गई थी। सूजन के कारण आंख की सक्रियता बंद हो गईं। स्थिति को देखते हुए मरीज का CT स्कैन कराया गया, जिसमें मरीज की नाक के बाएं हिस्से में भी सूजन का पता चला। ये सारे लक्षण ब्लैक फंगस के ही पाए गए हैं, लिहाजा आवश्यक इलाज के बाद मरीज को बेहतर इलाज के लिए पटना एम्स रेफर कर दिया गया।
सर्दी खांसी के साथ आया था तेज बुखार
डॉ थनीष ने बताया कि 7 मई को मरीज को सर्दी खांसी के साथ तेज बुखार आया था। मरीज कोरोना की जांच न कराकर स्थानीय ग्रामीण चिकित्सक से सर्दी, खांसी व बुखार का इलाज करा रहा था। लगभग 10 दिन तक चले इलाज के बाद मरीज सर्दी, खांसी व बुखार से मुक्त तो हो गया, लेकिन उसके सिर में दर्द बना रहा। पिछले एक सप्ताह से लगातार तेज सिर दर्द के बाद मरीज के चेहरे का बायां हिस्सा शून्य हो गया और बाईं आंख का आधा हिस्सा बाहर आ गया।
इनका क्या है कहना
नेत्र रोग विशेषज्ञ डॉ. थनीष ने कहा कि कोविड जांच कराता तो ब्लैक फंगस की संभावना से बच सकता था। मरीज निश्चित रूप से कोरोना पॉजिटिव होगा। जिस समय मरीज को सर्दी खांसी के साथ तेज बुखार आया था उसी समय अगर मरीज कोरोना की जांच कराता तो पॉजिटिव होने की स्थिति में उसका इलाज कोरोना से बचाव के लिए होता। लेकिन, ऐसा हुआ नहीं और सामान्य सर्दी, खांसी व बुखार समझकर इलाज कराने के कारण मरीज की स्थिति धीरे-धीरे बिगड़ गई और वह ब्लैक फंगस का शिकार हो गया।
क्या बोले सिविल सर्जन
जमुई के सिविल सर्जन विनय कुमार शर्मा ने कहा कि जांच के आधार पर मरीज को रेफर किया गया है। डॉ थनीष द्वारा की गई जांच के बाद ब्लैक फंगस की संभावना बताई गई है, जिसके आधार पर मरीज को पटना एम्स रेफर किया गया।