साढ़े सात करोड़ वर्ष पुराने डायनासोर के अवशेषों को वैज्ञानिकों ने बताया ये डायनोसोर बेहद बातूनी था
newsmrl.com Scientists told the remains of seven and a half million years old dinosaurs, this dinosaur was very talkative exclusive report by nujhat ashrafi

वैज्ञानिकों को करीब साढ़े तीन करोड़ वर्ष पुराने एक डायनासोर के अवशेषों पर हुई रिसर्च के बाद पता चला है कि ये ये बेहद नई नस्ल है।
वैज्ञानिकों का मानना है कि ये डायनोसोर शाकाहारी था और बेहद बातूनी भी था। इसकी घोषणा मेक्सिको के इतिहास और मानवशास्त्र के राष्ट्रीय संस्थान ने की है। इस पर रिसर्च कर रहे जीवाश्म वैज्ञानिकों का ये भी मानना है कि ये डायनासोर अपने हालातों की वजह से ही इतने वर्षों से वहां पर संरक्षित रह सका है।
संस्थान ने अपने बयान में कहा है कि साढ़े सात करोड़ वर्ष पहले एक विशालकाय डायनासोर गाद से भरे एक जलाशय में मर गया था। इसी वजह से ये इतनी अच्छी तरह से संरक्षित रह सका। वैज्ञानिकों ने डायनासोर की इस नस्ल को तलातोलोफस गैलोरम नाम दिया गया है। वर्ष 2013 में सबसे पहले मेक्सिको के उत्तरी प्रांत कोवाउइला के जनरल सेपेडा इलाके में इस डायनासोर की पूंछ मिली थी। धीरे-धीरे की गई खुदाई में वैज्ञानिकों को इसके सिर का 80 प्रतिशत हिस्सा, 1.32 मीटर की कलगी, कंधे और जांघ की हड्डी मिली थी।
संस्थान इस खोज को बेहद असाधारण मानता है। जिस जगह ये डायनासोर मिला है वहां की अनुकूल परिस्थितियां बनी होंगी। करोड़ों वर्ष पहले ये एक ट्रॉपिकल इलाका था। तलातोलोफस नाम दो जगह से लिया गया है। स्थानीय नहुआतल भाषा के शब्द तलाहतोलि और यूनानी भाषा के शब्द लोफस (कलगी) का मिश्रण है। इस डायनासोर की कलगी के आकार की बात करें तो ये मेसोअमेरिकी लोगों द्वारा उनकी प्राचीन हस्तलिपियों में बातचीत करने की क्रिया की ही तरह है।
अपने बयान में संस्थान ने कहा है कि इस नस्ल के डायनासोर कम फ्रीक्वेंसी की ध्वनियां भी सुन सकते थे। इसी आधार पर वैज्ञानिकों का कहना है कि ये शांतिप्रिय होने के साथ-साथ बेहद बातूनी रहे होंगे। वैज्ञानिकों का मानना है कि वह परभक्षियों के प्रजनन संबंधी उद्देश्यों और उन्हें डरा कर भगाने के लिए तेज आवाज निकालते थे। इस जगह पर मौजूद डायनासोर के अवशेषों की जांच चल रही है। इस पर अब तक हुई रिसर्च का पेपर वैज्ञानिक पत्रिका क्रेटेशियस रिसर्च में पब्लिश हुआ है।