सीट हारने के बावजूद ममता बैनर्जी के मुख्यमंत्री बनने पर बीजेपी की खामोशी की असली वजह..
newsmrl.com bengal cm update by Rihan Ibrahim

अपनी सीट हारने के बाद भी मुख्यमंत्री बनेंगी ममता बनर्जी जानिए कैसे
आइए आपको बताते हैं कि चुनाव हारने के बावजूद मुख्यमंत्री कैसे बना जा सकता है, क्या है इसका नियम…
हार कर भी बन सकते हैं सीएम, ये है नियम
मुख्यमंत्री बनने के लिए यूं तो विधानसभा या विधान परिषद (जिन राज्यों में दो सदन हैं) का सदस्य होना जरूरी है। अगर विधानसभा या विधान परिषद सदस्य नहीं है, तो शपथ लेने के छह माह के भीतर सदस्य बनना जरूरी होता है। नियमों के मुताबिक, मुख्यमंत्री पद की शपथ बिना विधायक रहते ली जा सकती है। इसके बाद मुख्यमंत्री को छह महीने का वक्त मिलता है। इस तय समय सीमा के अंदर उनका विधानसभा या विधान परिषद का सदस्य बनना अनिवार्य है। अगर ऐसा नहीं हुआ, तो मुख्यमंत्री पद छोड़ना पड़ेगा।
वही इस मामले पर नियम के साथ एक और मामला है जिसकी वजह से भाजपा इस मामले पर कुछ भी बोलने से बच रही और वो वजह ये है की खुद भाजपा के कई मुख्यमंत्री इसी तरह से मुख्यमंत्री पद पर आसीन हो चूक है।
- ये हैं बिना विधायक रहते सीएम बनने वाले नेता
- सीएम बनने वाले नेता – राज्य
- उद्धव ठाकरे – महाराष्ट्र
- लालू प्रसाद यादव – बिहार
- योगी आदित्यनाथ – उत्तर प्रदेश
- नीतीश कुमार – बिहार
- राबड़ी देवी – बिहार
- कमलनाथ – मध्यप्रदेश
- तीरथ सिंह रावत – उत्तराखंड
ममता बनर्जी कड़े मुकाबले में सुवेंदु अधिकारी से 1957 वोटों से हार गई हैं। उन्होंने अपनी हार स्वीकार कर ली। लेकिन साथ ही आरोप लगाया कि पहले उन्हें जीता हुआ घोषित किया गया और बाद में दबाव में आकर चुनाव आयोग ने फैसला पलट दिया। बंगाल में टीएमसी की जीत के बाद मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा कि नंदीग्राम के बारे में चिंता मत करो। नंदीग्राम के लोग जो भी जनादेश देंगे, मैं उसे स्वीकार करती हूं। मुझे कोई आपत्ति नहीं है। हमने 221 से अधिक सीटें जीतीं और भाजपा चुनाव हार गई।
मैं जनादेश को स्वीकार करती हूं, लेकिन मैं न्यायालय जाऊंगी क्योंकि मुझे जानकारी है कि परिणामों की घोषणा के बाद कुछ हेरफेर की गई और मैं उसका खुलासा करूंगी।