
बुधवार को राज्यसभा में दो मौक़े ऐसे आए जब सदन में बंगाल चुनाव का रंग देखने को मिला. दिल्ली में एलजी और मुख्यमंत्री के बीच शक्तियों के बंटवारे से जुड़े बिल पर हुई चर्चा में जब टीएमसी के सांसद डेरेक ओ ब्रायन ने अपना भाषण दिया तो वो दिल्ली के बारे में कम और बंगाल के बारे में ज़्यादा था.
डेरेक ओ ब्रायन ने अपने भाषण में बीजेपी और चुनाव आयोग पर जमकर राजनीतिक हमला किया. उन्होंने बंगाल में निष्पक्ष चुनाव को लेकर आयोग की क्षमता पर कई बार सवाल खड़ा किया. बस फिर क्या था, सदन में मौजूद बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जे पी नड्डा ने तुरंत उनके आरोपों का जवाब दिया.
नड्डा को ऐसे तो बिल पर बहस में भाग नहीं लेना था लेकिन उन्होंने डेरेक ओ ब्रायन की बात का जवाब देने के लिए सभापति से इजाज़त ली. नड्डा ने डेरेक ओ ब्रायन को जवाब देते हुए कहा कि उनकी पार्टी वो खिलाड़ी नहीं है जो मैच हारने पर अंपायर को दोष देती है.
सीतारमण ने बंगाली में बोलते हुए कहा, ”बंगाल सरकार हमेशा शिकायत करती रहती है कि केंद्र सरकार बंगाल को कुछ भी नहीं देना चाहती. लेकिन प्रधानमंत्री की स्कीमों के तहत राज्य को आवंटित पैसा भी नहीं लेती हैं.” सीतारमण को बंगाली में बोलते हुए डोला सेन ने जब टोका तो सीतारमण ने बंगाली में ही कहा – बोशुन , जिसका मतलब होता है बैठ जाइए.