शहीद की अंतिम विदाई में हुईं सबकी आंखें नम।
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मध्यप्रदेश में ग्वालियर एयरबेस पर MIG-21 बाइसन क्रैश में शहीद ग्रुप कैप्टन आशीष गुप्ता का गुरुवार को अंतिम संस्कार किया गया।
ग्रुप कैप्टन दो साल पहले बालाकोट एयर स्ट्राइक में शामिल थे। देश के जाबांज बेटे को मुखाग्नि उनके 9 साल के बेटे ने मुरार मुक्तिधाम में दी। मुखाग्नि देने के बाद अबोध अतिन ने कहा कि पापा शहीद हो गए। यह सुनकर वहां मौजूद लोगों की आंखों में आंसू आ गए।
एयरफोर्स के ग्रुप कैप्टन आशीष गुप्ता ने फाइटर प्लेन मिग-21 बाइसन को प्रैक्टिस के लिए टेकऑफ किया था। इसी दौरान तकनीकी खराबी आने से प्लेन क्रैश हो गया। इसमें वह शहीद हो गए थे। घटना बुधवार दोपहर 12 बजे के लगभग हुई थी। शहीद कैप्टन आशीष उत्तरप्रदेश के उरई के मूल निवासी थे। अभी ग्वालियर में ही रह रहे थे। वायुसेना, सेना के अफसरों के अलावा कलेक्टर कौशलेंद्र सिंह, SP अमित सांघी ने श्रद्धांजलि दी।
आशीष 1999 में भारतीय वायुसेना में शामिल हुए थे। उनके परिवार में पत्नी छाया व दो बेटे 9 वर्षीय अतिन उर्फ टिनटिन, 3 वर्षीय आदी उर्फ आदबिक हैं। पिता प्रकाश चन्द्र गुप्ता बैंक मैनेजर के पद से रिटायर्ड हैं। अभी फैजाबाद में रहते हैं। मां कृष्णाकांती देवी टीचर थीं। 4 साल पहले उनका निधन हो चुका है।

गुरुवार को उनका अंतिम संस्कार ग्वालियर के मुरार मुक्तिधाम में किया गया है। इस अवसर पर उनको गार्ड ऑफ ऑनर दिया गया।
रजनीकांत ने यह भी बताया कि शहीद आशीष गुप्ता 26 फरवरी 2019 को सीमा के दूसरी ओर बालाकोट एयर स्ट्राइक में आतंकवादियों के धूल चटाने वाले हीरो में भी शुमार थे। पूरी स्ट्राइक में उनका अहम रोल था। पर इसका कभी उन्होंने जिक्र तक नहीं किया। कभी-कभी अपनी पत्नी को जरूर बताते थे।
गौरतलब है कि आशीष फाइटर प्लेन MIG-21 बाइसन लेकर निकल रहे थे तो रनवे पर दौड़ते समय प्लेन में कुछ खराबी आई पहले आशीष ने सोचा कि सामने जाल में टक्कर मार देंगे तो फाइटर प्लेन रूक जाएगा। यह जाल भी इसीलिए लगा रहता है, लेकिन वहां तक वह नहीं पहुंच पाए। पहले ही प्लेन में आग लग गई। वह प्लेन से बाहर नहीं निकल पाए। इतने में ब्लास्ट हो गया और आशीष उसमें झुलस गए।
