सुलझी 1800किमी सफेद बादल की गुत्थी
newsmrl.com america update by akanksha

मंगल ग्रह पर सौर मंडल का सबसे बड़ा ज्वालामुखी है. इसका नाम ओलिंपिस मॉन्स है।
ये भी कहा जाता है कि यह ज्वालामुखी सौर मंडल का सबसे ऊंचा पहाड़ है। यह मंगल ग्रह के दक्षिणी हिस्से में स्थित है।हर साल इसके ऊपर से एक सफेद बादल की लंबी सी पूंछ मंगल ग्रह पर देखने को मिलती है।
ओलिंपिस मॉन्स के ऊपर बनने वाला यह सफेद बादल हर दिन करीब 80 बार बनता और बिगड़ता है। पिछली बार जब यह पूंछ देखी गई तो इसकी लंबाई 1800 किलोमीटर थी।जबकि, इसकी चौड़ाई 150 किलोमीटर थी। इस बादल को अर्सिया मॉन्स एलॉन्गेटेड क्लाउड कहते हैं।
यूरोपियन स्पेस एजेंसी और नासा के वैज्ञानिकों ने जब इस बादल का अध्ययन किया तो पता चला कि यह बादल सूरज के उगने से पहले बना था।यह करीब ढाई घंटे तक मंगल ग्रह की सतह पर दिखाई देता रहा। यह 600 किलोमीटर प्रतिघंटा की रफ्तार से अपने सिरे से पूंछ की तरफ बह रहा था।इसके बाद यह अपनी उत्पत्ति वाली जगह से अलग हो गया और धूप खिलने तक गायब हो गया।
मंगल ग्रह पर बने अर्सिया मॉन्स एलॉन्गेटेड क्लाउड ओरोग्राफिक बादल भी कहते हैं। यानी ये सतह पर दक्षिण दिशा से उत्तर दिशा की ओर बहता है। धरती पर भी ऐसे बादल कई बार बनते हैं लेकिन इनकी लंबाई-चौड़ाई इतनी ज्यादा नहीं होती।न ही मंगल ग्रह पर बने इस सफेद बादल की तरह डायनेमिक होते है।
