अविश्वास प्रस्ताव के बाद भी बीजेपी पर विश्वास।
newsmrl.com political update by pooja goswami

हरियाणा विधानसभा में आज कांग्रेस पार्टी मनोहर लाल खट्टर अर्थात् बीजेपी जेजेपी एलाइंस की सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लेकर आई थी।
लेकिन इसमें कांग्रेस को निराशा हाथ लगी है। सदन में बहुमत नहीं होने के कारण अविश्वास प्रस्ताव गिर गया। अविश्वास प्रस्ताव पर कराई गई वोटिंग के दौरान 32 सदस्य इसके पक्ष में खड़े हुए। वहीं, प्रस्ताव के खिलाफ में मनोहर लाल खट्टर को 55 विधायकों का समर्थन मिला। इसके बाद विधानसभा अध्यक्ष ज्ञान चंद गुप्ता ने अविश्वास प्रस्ताव को खारिज कर दिया।
वोटिंग से ठीक पहले मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने सदन में प्रस्ताव पर चर्चा का अपना जवाब देते हुए कहा कि विपक्ष के पास राजनीतिक रोटियां सेंकने के अलावा और कोई मुददा नहीं है। किसान आंदोलन की आड़ में विपक्ष द्वारा लगातार किसानों को बरगलाने का काम किया जा रहा है। मुख्यमंत्री ने कहा कि आंदोलन को उकसाने की बजाए इसे खत्म करवाने की पहल की जानी चाहिए। उन्होंने कहा कि अविश्वास प्रस्ताव को लाना कांग्रेस की पुरानी संस्कृति है। जब भी उन्हें कोई बात पसंद न आए तो वे अविश्वास प्रस्ताव लाने का काम करते हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि उन्हें लगता है कि इनके अविश्वास का कारण हमारी निरंतर सफलता है, क्योंकि जनता के साथ हमारा गहरा विश्वास बना हुआ है। उन्होंने कहा कि केन्द्र व राज्य सरकार द्वारा किए गये सभी जनहित के कार्यों पर कांग्रेस पार्टी अविश्वास पैदा करती है। चुनाव आने पर ईवीएम पर इन्हें अविश्वास होने लगता है। वीर सैनिकों द्वारा पाकिस्तान में सर्जिकल स्ट्राइक पर भी कांग्रेस ने स्वाल उठाकर सेना का मनोबल गिराने का काम किया है। उन्होंने कहा कि यह कांग्रेस का अहंकार है जिससे उन्हें लगता है कि वे सरकार को कभी भी गिरा सकते हैं या बना सकते हैं।
आपको बता दें कि हरियाणा विधानसभा में आज मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस की ओर से भाजपा-जजपा सरकार के विरुद्ध अविश्वास प्रस्ताव पेश किया गया था। इस दौरान नेता प्रतिपक्ष भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने कहा कि सत्ताधारी दल ने लोगों का विश्वास खो दिया है। प्रश्नकाल समाप्त होने के बाद अध्यक्ष ने मंत्रिमंडल के विरुद्ध अविश्वास प्रस्ताव के नोटिस को स्वीकार किया और इस पर चर्चा के लिए दो घंटे का समय तय किया। चर्चा के बाद वोटिंग हुई, जिसमें कांग्रेस पार्टी को निराशा हाथ लगी।