बेटे के गम में परिवार ने दी जान।
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इकलौते बेटे की मौत के 4 महीने बाद पति-पत्नी ने 2 बेटियों के साथ फांसी लगाई; लिखा- उसके बिना नहीं जी सकते।
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बेटे की मौत के बाद से हनुमान के परिवार ने घर से बाहर निकलना बंद कर दिया था
हनुमान के घर रविवार शाम दूधवाला दूध देने पहुंचा। उसने काफी देर तक दरवाजा खटखटाया, लेकिन गेट नहीं खुला। इसके बाद उसने मोबाइल पर कॉल किया, लेकिन किसी ने पिक नहीं किया। दूधवाले ने हनुमान के छोटे भाई घनश्याम के बेटे युवराज को फोन किया, जो अमर की मौत के बाद से हनुमान के पास ही रहता था।
युवराज ने अपने पिता और चाचा को मोबाइल पर कॉल किया। मौके पर हनुमान के चाचा का लड़का कपिल सैनी पहुंचा। मेन गेट खोलकर वह अंदर गया तो देखा कि चारों फंदे पर लटके थे। इसके बाद पुलिस को सूचना दी गई।परिवार ने सुसाइड से पहले बेटे अमर के फोटो के सामने उसका सामान रख दिया था।
हनुमान प्रसाद की बहन मंजू का ससुराल नवलगढ़ में है। मंजू की 2 बेटियों की शादी 16 फरवरी को थी। हनुमान इस शादी में भी नहीं गए थे। हनुमान और उनका परिवार बेटे अमर की मौत के बाद कहीं भी आता-जाता नहीं था। एक पहले की उनकी दादी पूर्व राज्यसभा सांसद मदनलाल सैनी की मां का देहांत हो गया था। उस वक्त वह गए।
