[10:18 pm, 21/01/2021] Reporter Cherry rajasthan: स्वास्थ्य मंत्री ने विपक्ष पर किया कटाक्ष, वेक्सिनेशन के खिलाफ दुष्प्रचार को फैलने से रोके
स्वास्थ्य मंत्री में कहा कि “2021 एक नई आशा के साथ आया है। भारत के वैज्ञानिकों द्वारा रिसर्च करके और हमारी ही इंडस्ट्री द्वारा अपनी क्षमता के आधार पर दो वैक्सीन देश और समाज के सामने प्रस्तुत की गई हैं।”
उन्होंने कहा कि इसे पूरी तरह से वैज्ञानिक परीक्षण के बाद मंज़ूरी दी गई है।
स्वास्थ्य मंत्री ने वेक्सिनेशन ड्राइव के लिए कहा कि ‘मैं सभी राज्यों के स्वास्थ्य मंत्रियों व अधिकारियों से अपील करता हूं कि वेक्सिनेशन ड्राइव को लेकर किसी भी तरह के दुष्प्रचार का पुरजोर तरीके से विरोध करें।’
उन्होंने वेक्सिनेशन के बाद कभी कभी होने वाले दुष्प्रभाव के बारे में कहा कि ‘हम सबने अपने जीवन में अपने बच्चों को टीके लगवाए हैं। टीका लगाने के बाद कई बार उनमें बुख़ार या दर्द जैसे मामूली दुष्प्रभाव देखने को मिले होंगे। अभी तक 8 लाख लोगों को कोरोना का टीका लगाया जा चुका है और उनमें भी गिनती के लोगों में इस तरह के दुष्प्रभाव देखने को मिले हैं।’
उन्होनें बताया कि ‘वैक्सीनेशन अभियान को लेकर पिछले 5 महीने में NITI आयोग के सदस्य डॉ वीके पॉल जी व MoHFW_INDIA सचिव श्री राजेश भूषण जी की अध्यक्षता में काफ़ी गहराई से काम हुआ है।स्वास्थ्य मंत्रालय के कर्मचारियों ने भी इस लेकर काफ़ी मेहनत की है।’
स्वास्थ्य मंत्री ने विपक्ष पर कटाक्ष करते हुए कहा कि “दुर्भाग्य की बात है कि देश में कुछ लोग जानबूझकर केवल राजनीतिक कारणों से वेक्सिनेशन के खिलाफ़ दुष्प्रचार करते हैं। इससे समाज के एक छोटे वर्ग में वैक्सीन को लेकर झिझक पैदा हुई है।”
उन्होनें बताया कि भारतीय वैक्सीन का इस्तेमाल ब्राज़ील, इंग्लैंड और दक्षिण अफ्रीका जैसे देशों में किया जा रहा है। दुनिया के कई देश भारतीय वैक्सीन की मांग कर रहे हैं। ऐसे में हमें वैक्सीन के खिलाफ़ दुष्प्रचार करनेवालों की अनदेखी कर टीकाकरण अभियान को सफ़ल बनाने की ज़रूरत है।