[0:11 pm, 20/01/2021] editor Akanksha Tiwari Raipur: मुक्तांजलि शव वाहन के टेंडर में गबड़बड़ी, कोर्ट में जनहित याचिका दायर।
मुक्तांजलि शव वाहनों के टेंडर के एग्रीमेंट में गड़बड़ी को लेकर बिलासपुर हाई कोर्ट में जनहित याचिका दायर की गई है। प्रकरण में अब तक शासन ने जवाब नहीं दिया है। मंगलवार को सुनवाई के दौरान शासन से फिर से जवाब प्रस्तुत करने के लिए दो सप्ताह का समय ले लिया। इसके चलते मामले की सुनवाई टल गई है।
रायपुर निवासी रजनीश शुक्ला ने हाई कोर्ट में एक जनहित याचिका दायर की है। इसमें बताया है कि प्रदेश में 2018 में मुक्तांजलि शव वाहन के लिए स्वास्थ्य विभाग ने टेंडर जारी किया था। इसमें 60 वाहनों के लिए एग्रीमेंट किया गया था। इसके साथ ही शासन ने विभाग से 20 और वाहन देने की बात कही थी। इस हिसाब से कुल 80 शव वाहन संचालित करना था।
एग्रीमेंट के अनुसार शव वाहनों के लिए टाटा वेंचर या उसके समकक्ष वाहनों का इस्तेमाल करना था। शासन ने भोपाल की एक कंपनी को टेंडर दिया। फिर बाद में याचिकाकर्ता ने जानकारी जुटाई, तब पता चला कि कंपनी द्वारा शव वाहनों के लिए टाटा एस कमर्शियल व्हीकल का उपयोग किया जा रहा है। इस कमर्शियल व्हीकल शव ले जाने वाले स्वजन को परेशानी हो रही है।
दरअसल इस वाहन में सामने दो लोग ही बैठ सकते हैं। वहीं पीछे शव रखने की जगह है। जबकि वेंचर वाहन में पांच लोग बैठ सकते हैं। इसके चलते दूरदराज के ग्रामीण क्षेत्रों से आने-जाने वाले मृतक के स्वजनों को बहुत दिक्कतें होती हैं। याचिका में आरोप लगाया गया है कि एनजीओ को लाभ पहुंचाने के लिए ही यह टेंडर जारी किया गया है। पिछली सुनवाई के दौरान हाई कोर्ट ने मामले में शासन को जवाब देने कहा था। लेकिन अब तक जवाब प्रस्तुत नहीं किया गया है।