राज्य सरकार नए वेरिएंट की सावधानी बरतने की कवायद में एअरपोर्ट पर तो सख्त है। लेकिन बाजारों में घूम रहे पॉजिटिव आए लोगों पर नियंत्रण खोती दिख रही। जांच में पॉजिटिव आते ही मरीज नंबर बंद कर गायब हो जा रहे। आखिर फर्जी नाम-पते नम्बर के बलबूते जांच कराना इतना आसन क्यूँ हो गया है, ये चिंता की बात है। ऐसे में जांच करते वक़्त आधार की फोटोकॉपी लेने, तस्वीर खींचने, और नाम-पते, नंबर को वेरीफाई करना जरूरी हो गया है। पढ़िए खास ख़बर…
रायपुर: छत्तीसगढ़ में मंगलवार को 24 हजार 30 सैंपल की जांच के बाद कोरोना के 34 नए मामलों की पुष्टि हुई। इसमें सबसे अधिक 14 लोग राजधानी रायपुर में ही मिले हैं। प्रदेश में कोरोना संक्रमण कुछ कमजोर होने के साथ ही लोग और प्रशासन दोनों लापरवाह हो गए हैं। हालात ऐसे हैं कि सर्दी, खांसी, बुखार जैसे लक्षणों वाले अधिकतर लोग कोरोना जांच नहीं करा रहे हैं। जिन लोगों ने कोरोना जांच कराई भी है, वे रिपोर्ट आने से पहले ही बाहर घूम रहे हैं। पॉजिटिव आने के बाद भी होम आइसोलेशन से परहेज कर रहे हैं।
विशेषज्ञों का कहना है, यह लापरवाही भारी पड़ सकती है। रायपुर में जिन लोगों को कोरोना पॉजिटिव पाया गया उनकी कॉन्टैक्ट ट्रेसिंग शुरू हुई। कंट्रोल रूम ने फोन लगाना शुरू किया तो अधिकतर का नंबर बंद मिला। एक व्यक्ति ने फोन रिसीव किया तो बताया वह अपनी दुकान में है। कंट्रोल रूम से कहा गया कि आपकी जांच रिपोर्ट पॉजिटिव आई है। अब आप घर जाकर एक कमरे में खुद को आइसोलेट कर लें तो उस व्यक्ति ने कहा, अभी तो वह ग्राहकों को कपड़े दिखा रहा है। अभी कहीं नहीं जा सकता। ऐसे जवाब सुनकर कंट्रोल रूम भी हैरान है। यह भी सामने आया है कि बहुत से लोग होम आइसोलेशन में होने के बावजूद बाहर घूम रहे हैं।