बिलासपुर जिले में 8 जनवरी से कोरोना टीकाकरण ड्राई रन…
कोरोना टीकाकरण को लेकर जिले में ड्राई रन यानी मॉक ड्रिल तीन जगहों पर होगी। इसके लिए के लिए राज्यस्तर पर सभी डीआईओ को प्रशिक्षण दिया गया है ताकि कोरोना टीकाकरण का सफल क्रियान्वयन किया जा सके। स्वास्थ्य विभाग ने ड्राई रन 11 जनवरी को तय किया था। ड्राई रन का उद्देश्य स्वास्थ्य प्रणाली में कोरोना टीकाकरण रोल आउट के लिए निर्धारित तंत्रों का परीक्षण करना और जिला में योजनाएं कार्यान्वयन और रिपोर्टिंग के लिए कोविन एप्लिकेशन के उपयोग के परिचालन का आकलन करना है।
स्वास्थ्य विभाग ने ड्राई रन 11 जनवरी को तय किया था। परंतु गत दिनों हुए स्वास्थ्य विभाग की प्रदेश स्तरीय बैठक में तय किया कि 8 जनवरी को पहले तीन जगहों पर ड्राई रन होगा।
इसके बाद सीएचसी पीएचसी,सहित सभी स्वास्थ्य संस्थानों पर 11 जनवरी को ड्राई रन होगा। बिलासपुर में सिविल अस्पताल सीएच मार्कंडेय, घुमारवीं और जिला अस्पताल में 8 जनवरी को ट्राई रन होगा। सीएमओ डॉ. प्रकाश दड़ोच ने गुरुवार को कोविड-19 वैक्सीनेशन ड्राई रन की तैयारियों को लेकर पदाधिकारियों के साथ अब तक की जाने वाली तैयारियो पर विचार -विमर्श किया है।
कोविड-19 टीकाकरण के सफल बनाने के लिए कोल्ड चेन इन्फ्रास्ट्रक्चर, सिरिंज और अन्य लॉजिस्टिक्स की पर्याप्त व्यवस्था की गई है वहा अपनाई जाने वाली सभी छोटी सी छोटी चीजों को ध्यान रखा जाएगा इसमें लाभार्थी का टीकाकरण, सत्यापन,कोल्ड चेन लॉजिस्टिक्स प्रबंधन और एईएफआईं प्रबंधन, बायो मेडिकल वेस्ट मैनेजमेंट और कोविन सॉफ्टवेयर पर जानकारी अपलोड करना शामिल है। जिले में 3275 स्वास्थ्य, आंगनबाड़ी और आयुर्वेद कर्मियों का डाटा तैयार कर लिया है। इनका पहले चरण में टीकाकरण कार्य किया जाना है। इन सभी लोगों का डाटा कोविन पोर्टल पर अपलोड कर दिया है।

डॉ. दड़ोच ने कहा कि ड्राई रन में सबसे पहले आशा कार्यकर्ता, एनएम लाभार्थी का थर्मल स्क्रीनिंग करेंगी। इसके बाद फर्स्ट वैक्सीनेटर ऑफिसर लाभार्थी के आई कार्ड का मिलान करेंगे। दूसरा वैक्सीनेटर ऑफिसर डाटा ऑपरेटर होगा जो वहां लाभार्थी के रजिस्ट्रेशन का मिलान करेगा। तीसरे वैक्सीनेटर इंजेक्शन देंगे। उसके बाद वेटिंग एरिया में आधे घंटे इंतजार करेंगे। सब कुछ सही होने पर आधे घंटे के बाद उन्हें छोड़ दिया जाएगा । टीकाकरण के बाद होने वाले प्रतिकूल प्रभाव के प्रबंधन के लिए एडवर्स इवेंट्स फोल्विग इम्यूनाइजेशन का अभ्यास किया जाएगा। साथ ही इससे निपटने के लिए बनाए कॉल सेंटर का परीक्षण भी किया जाएगा।