छत्तीसगढ़ सरकार मना रही बापू के प्रथम बार छत्तीसगढ़ आगमन की शताब्दी,
छत्तीसगढ़ में आज संस्कृति विभाग ने पुरातत्व एवं संस्कृति संचनालय परिसर में महात्मा गांधी के प्रथम छत्तीसगढ़ आगमन पर शताब्दी समारोह का आयोजन किया है।इसमे बापू की प्रिय प्रार्थनाओं के साथ उनके रायपुर,धमतरी,कंडेल प्रवास की स्मृतियों को साझा करने की कोशिश होगी।
इस समारोह को मुख्यमंत्री भूपेश बघेल वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये संबोधित करेंगे
इसी बीच संस्कृति विभाग के पूर्व संयुक्त संचालक राहुल कुमार सिंह ने अपने ब्लॉग में महात्मा गांधी के पहले छत्तीसगढ़ आगमन की तारीख पर सवाल उठाये हैं।
राहुल सिंह ने गांधी शांति पदों और भारतीय विद्या भवन की ओर से 1971 में प्रकाशित सीबी दलाल की पुस्तक “गांधी -1915 से 1948 ए डैंडल क्रोनोलॉजी” का भी हवाला दिया है। इस पुस्तक के अनुसार 17 दिसंबर को गांधी जी ने कलकत्ता छोड़ दिया। 18 दिसंबर को नागपुर की एक आमसभा में रहे। 19 से 23 दिसंबर तक वे नागपुर में ही रहे। 31 दिसंबर तक वे नागपुर के विभिन्न आयोजनों में शामिल होते रहे हैं।

राहुल कुमार सिंह लिखते हैं, संपूर्ण गांधी वांग्मय खंड -19 में नवंबर 1920 से अप्रेल 2021 तक का विवरण दर्ज किया गया है। 16 दिसंबर 1920 से ढाका से कलकत्ता जाते हुए मगनलाल गांधी को लिखित पत्र की जानकारी है। पृष्ठ 143 पर 18 दिसंबर को नागपुर की जनता सभा में दिए गए भाषण की जानकारी है। पृष्ठ 151 पर 25 दिसंबर को नागपुर की बुनकर परिषद में भाषण और पेज 152 पर नागपुर के अंतर्यज सम्मेलन में भाषण की बात है।

राहुल सिंह 1971 में प्रकाशित केपी गोस्वामी की “महात्मा गांधी ए क्रोनोलॉजी” में भी ऐसे ही तथ्यों का जिक्र करते हैं। सन 1920 में गांधीजी के छत्तीसगढ़ आने के संबंध में पं. सुंदरलाल शर्मा द्वारा किया गया कोई उल्लेख नहीं मिलता है।
गांधीजी की आत्मकथा के अंतिम दो शीर्षकों में से “असहयोग का प्रवाह” में सितंबर 1920 के कलकत्ता के विशेष अधिवेशन का और दिसंबर 1920 के नागपुर वार्षिक अधिवेशन का उल्लेख है। यहां भी छत्तीसगढ़ का कोई उल्लेख नहीं हुआ है।