1:17 am, 30/01/2021] Reporter Akanksha Tiwari Raipur: गांधी जी की पुण्यतिथि पर किसान रख रहे उपवास,मना रहे सद्भावना दिवस।
कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों का आंदोलन जारी है, हालांकि शुक्रवार को सिंघु और गाजीपुर बॉर्डर पर तनाव रहा।किसानों का कहना है कि जब तक तीनों बिल वापस नहीं होंगे, आंदोलन चलता रहेगा कृषि कानूनों का विरोध कर रहे 30 जनवरी को महात्मा गांधी की पुण्यतिथि पर सद्भावना दिवस मना रहे हैं और दिन भर का उपवास रखा है।वहीं, किसानों के प्रदर्शन को देखते हुए दिल्ली की सीमाओं पर भारी संख्या में सुरक्षाबलों की तैनाती की गई है. शुक्रवार को सिंघु बॉर्डर पर प्रदर्शनकारी किसानों और खुद को लोकल बताने वाले लोगों के बीच बवाल हो गया था।
किसान नेताओं ने दिल्ली के सिंघु बॉर्डर पर एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए शुक्रवार को कहा कि सुबह नौ बजे से शाम पांच बजे तक उपवास रखा जाएगा।उन्होंने देश के लोगों से किसानों के साथ जुड़ने की अपील की।किसान नेताओं ने केंद्र में सत्तारूढ़ भाजपा पर भी निशाना साधा और आरोप लगाया कि कृषि कानूनों के खिलाफ “शांतिपूर्ण” आंदोलन को “बर्बाद” करने का प्रयास किया जा रहा है. उन्होंने कहा, ‘‘इस किसान आंदोलन को नष्ट करने की सत्ताधारी भाजपा की साजिश अब सामने आ गयी है।”
किसान नेताओं ने यह भी दावा किया कि बृहस्पतिवार की रात गाजीपुर सीमा से किसान नेता राकेश टिकैत को हटाने की पुलिस की कथित कोशिश के बाद सभी प्रमुख प्रदर्शन स्थलों – गाजीपुर, सिंघू और टीकरी में आंदोलनकारियों की संख्या बढ़ रही है। भारतीय किसान यूनियन के नेता युधिष्ठिर सिंह ने कहा कि हमें इन (भाजपा) लोगों से राष्ट्रीय ध्वज का सम्मान करने पर व्याख्यान की जरूरत नहीं है. यहां बैठे अधिकांश किसानों के अपने बच्चे सीमाओं पर देश के लिए लड़ रहे हैं।” उन्होंने कहा कि सरकार द्वारा किसानों के आंदोलन को दबाने की कोशिश ने इसे और तेज कर दिया है क्योंकि कल रात की घटना के बाद से और अधिक लोग आंदोलन में शामिल हुए हैं।

संयुक्त किसान मोर्चा की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि भाजपा सरकार अब चल रहे शांतिपूर्ण किसान आंदोलन को सांप्रदायिक रंग दे रही है। क्रांतिकारी किसान यूनियन के नेता दर्शन पाल ने कहा कि आंदोलन में शामिल होने के लिए पंजाब, हरियाणा, उत्तर प्रदेश, राजस्थान व अन्य राज्यों से बड़ी संख्या में किसान दिल्ली की ओर बढ़ रहे हैं।उन्होंने दावा किया कि मोहाली (पंजाब) से 800 से अधिक ट्रैक्टर ट्रॉलियां दिल्ली के विभिन्न सीमाओं पर आ रही हैं.।पाल ने सरकार से सभी आंदोलन स्थलों पर इंटरनेट सेवाएं बहाल करने की अपील करते हुए कहा कि अगर ऐसा नहीं किया गया तो विरोध प्रदर्शन किया जाएगा।